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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी--भाग5

सुबह आरती की नींद फोन की आवाज़ से खुली।
सुबह हो चुकी थी और फोन का बजना जारी।

पेपर वाला पेपर दे गया था।दूधवाला दूध के पैकेट।

..रुही आए तो चाय के लिए बोलूं... यह सोचकर आरती अखबार पर नजर गड़ाए हुए थी।

अखबार के सारे पन्ने पढ़ लिए थे लेकिन रुही का पता नहीं था तो फिर उसने इलेक्ट्रिक केटल में खुद ही चाय बनाने लगी।

सुबह के साथ उसका भागमभाग का रुटीन शुरू हो जाता था।
..अब जल्दी से शावर ले लूँ, कहीं देर नहीं हो जाए।,,
मह सोचकर वह वाशरूम में घुस गई।
जबतक वह नहाकर बाहर आई रुही आकर उसके लिए ब्रेकफास्ट और लंच बना चुकी थी।

ब्रेकफास्ट लेते और आनेवाले सारे फोन कॉल्स अटेंड करते आरती का मन उस में लगा था  जिसे उसने पिछली रात मैसेज भेजा था।

कईएक बार उसने फेसबुक चेक किया लेकिन उस तरफ से साइलेंट मोड पाकर आरती एक बार फिर से निराश हो उठी।
फिर स्वयं पर ही बिफर उठी
,,मैं ही पागल हूँ जो उसकी जिंदगी में दखल दे रही हूं.. जाने दे पता नहीं क्या समझता है खुद को।,,

,,रुही.., मेरा लंच बॉक्स दो मुझे।,,रुही से लंच बॉक्स लेकर आरती अपनी कार में बैठ गई।
महानगर में कार ड्राइव करना भी किसी युद्ध से कम नहीं होता।

अपने कानों में ब्लूटूथ डालकर वह जैसे ही थोड़ा आगे बढ़ी उसके निफ्ट से साथ साथ पढ़ने वाली दोस्त पायल ने फोन किया।

पायल मेहरोत्रा भी पेशे से एक फैशन डिजाइनर कम मर्चेंडाइजर ही थी  जो दिल्ली एनसीआर में ही एक अलग एक्स्पोर्ट हाउस में काम करती थी।

,,हाय आरती..!,,

,,हाय गोजेर्स !कैसी है तू..एक हफ्ता बीतने को आए..हम मिलते हैं यार वीकेंड में।,,

,,हाँ,..यार आरती मैं जॉब से रिजाइन कर रही हूं..।,,

,,ओह.. सॉरी यार..पर..क्यों छोड़ रही है तू जौब?,,

,,अरे वही पिटपिट..खड़ूस को कुछ सूझता नहीं सारे इल्जाम मुझपर डाल देता है.. अब पाँच करोड़ का नुकसान हो गया तो सारी गलती मेरी.. डफर..!,,

,,ओह.., कोई बात नहीं पायल..जॉब तो मिल जाएगी.. टेंशन मत ले..दो दिन बाद संडे है..मिलते हैं हम..!,,

,,ओके यार बाय।,,

पायल का फोन आते ही आरती के चेहरे पर एक लंबी मुस्कुराहट आ गई।
हमेशा से पायल उसे बहन जैसी ही लगती थी।

ऑफिस पहुंच कर  आरती ने पिछले सारे कामों को निपटाने के बाद अनामिका को अपने केबिन में बुलवाया।

अनामिका भी अपने सारे डिजाइन और मॉडल्स के फोटोज के साथ आरती के केबिन में पहुची।

उसने सबसे पहले अपने सारे डिजाइन की फोटोज दिखाए फिर मॉडल्स के फोटोज।

,,सारी चीजें बजट में ही हैं।ज्यादा खर्च नहीं होगा फैशन परेड में।,,अनामिका ने कहा।

आरती ने सारी बातें और डिजाइन के कैटलॉग के चित्र सुबोध को इमेल से फार्वड कर दिया।

सुबोध ऑनलाइन ही था।उसने तुरत ही फोन किया और आरती से कहा
,,हमें एक  ऑरग्नाइजर मिल गया है।नोएडा के एक वीआइपी मॉल का उद्घाटन होने वाला है।
वहां हम अपने ब्रांड s  का जोरशोर से प्रचार करेंगे।
बस तुमलोग अपने काम पर फोकस करो।मॉडल्स बेहतरीन होने चाहिए।मै शो से पहले आ जाऊंगा।,,

,,ओके सर जैसा आप ठीक समझें।,,

आरती ने फोन रख दिया।
,,अनु,अब एक्स्ट्रा ओवरलोडिंग.. काम के अलावा और काम..!,,

,,पता है तुम्हें पायल ने रिजाइन कर दिया।,,


,,हाँ,पता है।अभी फोन किया था उसने।,,

,,टू मच हैक्टिक यार।,,

,,होता रहता है अनु जाने दो।सबसे पहले एक्सपीरियंस मॉडल्स रखने होंगे । सुबोध का ऑर्डर है।,,

अच्छा तो फिर रिचेक कर लो न इतने सारे स्नैप्स तो हैं।,,

अनामिका ने सारे फोटोज टेबल पर फैला दिया।
,,देख आरती,इन सारे मॉडल्स के साथ मैंने रैंप वॉक किया था।सब मेरे डिजाइन आउटफिट्स पहनकर  मेरे लिए काम किया था।,,

सरसरी निगाहों से देखने के बाद आरती की नजर एक फोटो पर टिक गई।
,,अरे..!,वह जोर से चिल्लाई।

,,व्हाट हैप्पंड..?,,

,,यह तो लिया है..शायद.. वैसी ही लग रही है..!यह मॉडल बन गई है ?,,

आरती का मुंह खुला रह गया।
,,अरे मेरी अम्मा ,जरा चिल मारो यार..तुम्हारी तरह कोई बाबाजी आज के युग में नहीं होता.. वैसे इसका नाम लिया ही है, पर कौन है यह?,,

,,यह केतकी मौसी की छोटी बेटी लिया है।,,

,,वही तुम्हारी छोटी मौसी..।,,

,,हाँ।,,

,,पर तुम्हें बताया नहीं लिया के बारे में?,,

,,बताया था कि शहर में आई है पढ़ाई के लिए पर..बहुत दिनों से कोई बात भी नहीं हुई है ना..।,,

,,छोड़ परे आरती, मॉडलिंग कोई बुरा काम थोड़े ही है..।,,

,,हाँ..,आरती अनामिका की बात सुन कर चुप हो गई।

उसने लिया का नंबर लेकर अपने मोबाइल पर सेव कर लिया।

***
क्रमशः
सीमा..✍️
©®



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9 Comments

Kavita Jha

18-Sep-2022 08:59 AM

बहुत ही सुन्दर 👌👌

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Dr. Arpita Agrawal

17-Jun-2022 02:08 PM

बेहतरीन भाग 👌👌

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Gunjan Kamal

15-Jun-2022 03:51 PM

शानदार भाग

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